भारत सरकार, वित्त मत्रांलय, राजस्व विभाग,
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड
निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय
निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय (सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर) (डीजीपीएम) जिसे पहले (डीजीआईसीसीई) सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के निरीक्षण महानिदेशालय के रूप में जाना जाता था, का गठन 1939 में सीबीआईसी कार्यालय के हिस्से के रूप में आवधिक निरीक्षण करने एवं सीमा शुल्क भवनों और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्तालयों में तकनीकी सवालों और संगठन एवं प्रक्रियाओं के मानकीकरण पर बोर्ड को सलाह देने के लिए किया गया था। इसे 1 अप्रैल, 1946 को बोर्ड से अलग कर दिया गया और एक संलग्न कार्यालय का दर्जा दिया गया।
फा.सं. 11013/21/2015-एडी-IV आदेश संख्या 3/एडी.IV/2015 दिनांक 13.08.2015 के तहत निदेशालय का नाम निरीक्षण महानिदेशालय (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) से बदलकर निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय कर दिया गया था।
मुख्य आयुक्त, कर बकाया वसूली अर्थात सीसी (टीएआर) का कार्य निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय को एफ.सं. 11013/20/2015-एडी-IV आदेश संख्या 02/2015-एडी-IV दिनांक 27.08.2015 के तहत स्थानांतरित किया गया था।
निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय सीबीआईसी के तहत निम्ननलखित 18 निदेशालयों के समूह "बी" और "सी" कर्मचारियों के लिए संवर्ग नियंत्रण प्राधिकरण है: -
डीजीपीएम की 05 क्षेत्रीय इकाइयाँ हैं,अर्थात, पश्चिमी क्षेत्रीय इकाई (मुंबई), पूर्वी क्षेत्रीय इकाई (कोलकाता), उत्तरी क्षेत्रीय इकाई (दिल्ली), दक्षिणी क्षेत्रीय इकाई (चेन्नई) और मध्य क्षेत्रीय इकाई (हैदराबाद)।
मध्य क्षेत्रीय इकाई को छोड़कर प्रत्येक क्षेत्रीय इकाई के मुखिया एक प्रधान अपर महानिदेशक/ अपर महानिदेशक होते हैं| जो विभागाध्यक्ष होते हैं। मध्य क्षेत्रीय इकाई के मुखिया अपर निदेशक ओहदे के अधिकारी होते हैं जो कि ,अपर महानिदेशक, दक्षिणी क्षेत्रीय इकाई, चेन्नई को रिपोर्ट करते हैं।