भारत सरकार | GOVERNMENT OF INDIA
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भारत सरकार, वित्त मत्रांलय, राजस्व विभाग,
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड

निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय



राजभाषा


निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय, अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) का एक सम्बद्ध कार्यालय है एवं सीबीआईसी के सभी कार्यालयों में भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की निगरानी हेतु नोडल कार्यालय भी है। नि.प्र.महा.(डीजीपीएम) में राजभाषा प्रकोष्ठ में एक उप निदेशक (रा.भा.), एक सहायक निदेशक (रा.भा.), एक वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी और दो कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी पदस्थ हैं। राजभाषा प्रकोष्ठ निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय में राजभाषा नीति का कार्यान्वयन करता है एवं मंत्रालय/बोर्ड और सीबीआईसी के सभी कार्यालयों में राजभाषा हिन्दी के संबंध में समन्वय हेतु नोडल एजेंसी के रूप में भी कार्य करता है। मुख्यालय में राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा निम्नलिखित मुख्य कार्य किए जाते हैं:-

मुख्यालय में राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा निम्नलिखित मुख्य कार्य किए जाते हैं:-

  1. निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय से संबंधित सभी अनुवाद कार्य (हिन्दी से अंग्रेजी व अंग्रेजी से हिन्दी) जिसमें सामान्य आदेश, अधिसूचनाएं, परिपत्र, रिपोर्टों आदि का अनुवाद शामिल है।
  2. वर्ष की प्रत्येक तिमाही में निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आयोजित करवाना जिसमें राजभाषा नीति के कार्यान्वयन और राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की स्थिति , समिति की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर की गई अनुवर्ती कार्यवाई की समीक्षा की जाती है और अगली बैठक में इस पर हुई प्रगति रिपोर्ट की जाती है।
  3. राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य के रूप में तिमाही बैठक में भाग लेना और मुख्यालय सहित सीबीआईसी के सम्बद्ध/ अधीनस्थ कार्यालयों में हिंदी की प्रगति के संबंध में रिपोर्ट करना ।
  4. नि.प्र.महा. के राजभाषा प्रकोष्ठ के महत्वपूर्ण कायों में संसदीय राजभाषा समिति द्वारा सीबीआईसी के विभिन्न कार्यालयों के निरीक्षणों का समन्वय करना है। सभी निरीक्षणों में अपेक्षित प्रश्नावली की समीक्षा, संवीक्षा एवं मंत्रालय को यथासमय अग्रेषित करवाने का कार्य सुनिश्चित किया जाता है। इसमे माननीय समिति की बैठक के पश्चात अनुवर्ती कार्यवाई सुनिश्चित करवाना एवं संबंधित कार्यालयों से प्राप्त रिपोर्ट राजस्व विभाग को भेजना तथा राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय से निरंतर समन्वय कार्य करना तथा राजभाषा की नोडल एजेंसी के रूप में उन्हे पर्याप्त सहयोग प्रदान करना शामिल है। इसके अतिरिक्त सरकारी कार्य में राजभाषा नीति को लागू करने के संबंध में नि.प्र.महा. के वरिष्ठ अधिकारियों को राजभाषा कार्यान्वयन के संबंध में यथावांछित परामर्श प्रदान करना भी हिन्दी प्रकोष्ठ का एक महत्वपूर्ण कार्य है।
  5. हिन्दी में सरकारी कार्य निष्पादित करने के लिए कार्मिकों को नियमित रूप से हिन्दी कार्यशाला आयोजित कर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है।
  6. राजभाषा नीति के अनुसार हिन्दी टंकण / हिंदी आशुलिपि के प्रशिक्षण हेतु पर्याप्त कार्मिकों को भेजा जाता है।
  7. कार्यालय में प्रतिवर्ष हिंदी दिवस/पखवाड़े का आयोजन किया जाता है जिसके दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे टिप्पण एवं आलेखन, हिन्दी निबंध लेखन, अनुवाद ,सामान्य ज्ञान, प्रश्नोत्तरी एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आदि आयोजित की जाती हैं।इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोह में नकद पुरस्कार एवं प्रमाण -पत्र दे कर सम्मानित किया जाता है और इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
  8. हिंदी टिप्पण और आलेखन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कार्यालय में भारत सरकार की नकद पुरस्कार योजना लागू की गई है और प्रत्येक वर्ष वार्षिक समारोह में नकद पुरस्कार वितरित किए जाते हैं।
  9. निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय राजभाषा नियमावली के नियम 10(4) के अंतर्गत अधिसूचित है और तदनुसार राजभाषा नियमावली के नियम 8(4) के अंतर्गत 08 अनुभाग अपना सम्पूर्ण कार्य हिन्दी में करने के लिए विनिर्दिष्ट किए गए हैं।
  10. निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय के अधिकांश अधिकारी/कर्मचारी हिन्दी में प्रवीण हैं और अपना कार्यालयीन कार्य राजभाषा हिन्दी में करते हैं और उनके द्वारा किया गया कार्य महानिदेशक/अपर महानिदेशक के समक्ष उप निदेशक / सहायक निदेशक (राजभाषा) द्वारा आवधिक रूप से रखा जाता है। हिन्दी कार्य की सतत निगरानी और देखरेख के परिणामस्वरूप हिन्दी पत्राचार 99% तक बढ़ गया है और हिन्दी टिप्पण का 75% का लक्ष्य भी प्राप्त कर लिया गया है। अधिकांश अधिकारी/कर्मचारी फाइलों पर 75% से अधिक टिप्पणियां हिन्दी में लिख रहे हैं।
  11. निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय की विभागीय हिन्दी पत्रिका “इन्द्रप्रस्थ ” का नियमित रूप से प्रकाशन किया जाता है।